google.com, pub-8916578151656686, DIRECT, f08c47fec0942fa0 Nimbark Ekadashi Calendar 2024 || श्री निम्बार्क एकादशी पंचांग 2024-25

Nimbark Ekadashi Calendar 2024 || श्री निम्बार्क एकादशी पंचांग 2024-25

  

 श्रीनिम्बार्क एकादशी पत्रिका 2024-25


श्री निम्बार्क एकादशी पंचांग 2024-25


श्री निम्बार्क भगवान द्वारा प्रतिपादित कपालवेध मतानुसार वर्ष 2024- 25 में होने वाली एकादशी एवं महाद्वादशी व्रत की तिथियां निम्न प्रकार है । इसमें जिस दिन महाद्वादशी व्रत के बारे में लिखा हुआ है । निम्बार्क अनुयायियों को तब कपालवेध मतानुसार एकादशी व्रत को छोड़कर महाद्वादशी वाले दिन ही व्रत करना है । 




कामदा एकादशी व्रत : शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024

वरुथिनी एकादशी व्रत : शनिवार, 4 मई  2024

मोहिनी एकादशी व्रत : रविवार, 19 मई 2024


अपरा एकादशी व्रत : सोमवार, 03 जून 2024
निर्जला एकादशी व्रत : मंगलवार, 18 जून 2024


योगिनी एकादशी व्रत : मंगलवार, 2 जुलाई 2024
देवशयनी एकादशी व्रत : बुधवार , 17 जुलाई 2024

कामदा एकादशी व्रत : बुधवार, 31 जुलाई 2024


पवित्रा एकादशी व्रत : शुक्रवार, 16 अगस्त 2024
अजा एकादशी व्रत : शुक्रवार, 30 अगस्त 2024


जलझूलनी/पद्मा एकादशी व्रत : शनिवार, 14 सितंबर 2024
विजया महाद्वादशी व्रत : रविवार, 15 सितंबर 2024
इन्दिरा एकादशी व्रत : शनिवार, 28 सितंबर 2024


पापांकुशा एकादशी व्रत : सोमवार, 14 अक्टूबर 2024
रमा एकादशी व्रत :  सोमवार, 28 अक्टूबर 2024


श्री देवप्रबोधिनी एकादशी  : मंगलवार, 12 नवम्बर 2024
उत्पन्ना एकादशी व्रत : मंगलवार, 26 नवंबर 2024
द्वादशी व्रत : बुधवार 27 नवंबर 2024


श्री मोक्षदा एकादशी व्रत : गुरुवार, 12 दिसम्बर 2024
सफला एकादशी व्रत : गुरुवार, 26 दिसम्बर 2024


पौष पुत्रदा एकादशी व्रत : शुक्रवार, 10 जनवरी 2025
षटतिला एकादशी व्रत : शनिवार,  25 जनवरी 2025


जया एकादशी व्रत : शनिवार,  08 फरवरी 2025
विजया एकादशी व्रत : सोमवार, 24 फरवरी 2025


आमल एकादशी व्रत : सोमवार, 10 मार्च 2025
पापमोचिनी एकादशी व्रत : बुधवार, 26 मार्च 2025





एकादशी के कुछ सामान्य नियम, जिनका पालन हमें व्रत के दौरान यथासम्भव करना चाहिए :

● एकादशी के दिन सुबह उठकर व्रत का संकल्प कर शुद्ध जल से स्नान करना चाहिए । 
● विधिनुसार भगवान श्रीकृष्ण का पूजन और रात को दीपदान करना चाहिए ।
● एकादशी व्रत में ज्यादा से ज्यादा मौन  रहकर अपने गुरु द्वारा प्रदत्त मन्त्र का जप अवश्य करना चाहिए ।
● एकादशी की रात भगवान विष्णु का भजन-कीर्तन करना चाहिए। 
● व्रत की समाप्ति पर श्रीहरि विष्णु से अनजाने में हुई भूल या पाप के लिए क्षमा मांगनी चाहिए । 
● अगली सुबह यानी द्वादशी तिथि पर पुनः भगवान श्रीकृष्ण की पूजा कर ब्राह्मण को भोजन कराना चाहिए । 
● भोजन के बाद ब्राह्मण को क्षमता के अनुसार दान देकर विदा करना चाहिए ।

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कृप्या आप सभी वैष्णवजन से छोटा सा अनुरोध है कि आप सभी इसे आगे भी निम्बार्क वैष्णवों तक पहुचाने में मदद करे इसको ज्यादा से ज्यादा निम्बार्क परिकर तक शेयर करे ... ।।

जय श्री राधामाधव !!



[ हर क्षण जपते रहिये ]

राधेकृष्ण राधेकृष्ण कृष्ण कृष्ण राधे राधे | राधेश्याम राधेश्याम श्याम श्याम राधे राधे ||


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