श्री गोपाल भट्टाचार्य जी का जीवन
( गुणाकरी सखी के अवतार )
आप जैसे वैदिक धर्म के संरक्षक शरणागतों के पालक, पूर्ण विज्ञानी एवं वैराग्य, दया आदि के समुद्र थे, वैसे ही वत्सलता और क्षमा भी अगाध थी। आचार्य परम्परा स्तोत्र में आपकी स्तुति का एक श्लोक है। आपका पाटोत्सव पौष कृष्णा एकादशी को होता है।
!! जय राधामाधव !!
[ हर क्षण जपते रहिये ]
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