( पद्माभा सखी के अवतार )
आप बड़े प्रतापी आचार्य हुए थे। ब्रह्मविद्या का आपने इस प्रकार प्रसार किया था, जैसे कई हाथों से धन को बॉंटता हो, इसलिए आपका पद्माकर भट्ट नाम चरितार्थ हुआ। "ब्रह्मविद्या च देवीत्वं" इस विष्णुपुराण के वचनानुसार "पद्मा" ब्रह्मविद्या का भी नाम हैं आपकी वन्दना श्रीअनन्तरामजी की है। आपका पाटोत्सव आषाढ़ कृष्णा अष्टमी को मनाया जाता है।
!! जय राधामाधव !!
[ हर क्षण जपते रहिये ]
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