🌹🌹🌹🌹 सर्वेश्वर अष्टकम् 🌹🌹🌹,🌹
सर्वेश्वरं सदा सेव्यं महर्षि सनकादिकैः ।
आद्यैश्च परमाचार्यैः परमात्मान-माश्रये ।।१।।
आद्य परमाचार्य महर्षि सनाकदिकों द्वारा सेवित परमात्मा श्री सर्वेश्वर प्रभु का मैं आश्रय ग्रहण करता हूँ ।।
रससिन्धुं महारम्यं कोटि मन्मथमन्मथम् ।
अनंतासीम सामर्थ्यं वन्दे सर्वेश्वरं हरिम् ।।२।।
करोडों कामदेवों को मथ देने वाले रसमय अनंतप्रेममय सिंधु में रमण करने वाले और समस्त पाप राशि का हरण करने वाले श्री हरि रूप सर्वेश्वर भगवान की मैं वंदना करता हूँ ।।
पूजितं परमं दिव्यं निम्बार्काचार्य देशिकैः ।
राधाकृष्णाभिधंदेवं नौमि सर्वेश्वरं प्रभुम् ।।३।।
आद्याचार्य वर श्री निम्बार्काचार्य द्वारा संपूजित परम दिव्य भगवान श्रीराधाकृष्ण रूपात्मक श्री सर्वेश्वर प्रभू को मैं नमस्कार करता हूँ ।।
वृंदावनाधिपं कृष्णं पूर्णं ब्रह्म सनातनम् ।
राधासर्वेश्वरं देवं प्रभजे$ङ्गसखीवृतम् ।।४।।
श्री वृंदावनाधीश्वर सदा सनातन (नित्य) पूर्ण ब्रह्म श्री कृष्ण जो सहचरी समूह में नित्य लीला के निकेतन हैं उन राधासर्वेश्वर प्रभु का मैं भजन करता हूँ ।।
मङ्गलं मङ्गलाधारं सर्वमङ्गल सम्प्रदम् ।
अमङ्गलहरं नौमि परमं सर्वेश्वरं प्रभुम् ।।५।।
मंगल स्वरूप , सभी मंगलों के आधार , सदैव मंगल प्रिय और समस्त अमंगलों का हरण कर लेने वाले श्री सर्वेश्वर प्रभु को मैं नमन करता हूँ ।।
मनोज्ञं अद्भुतं दिव्यं महामोद प्रदायकम् ।
श्रीनिकुंजे स्थितं वंदे वरं सर्वेश्वरं विभुम् ।।६।।
महामोदमय ( मधुरातिमधुर ) अद्भुत रूप वाले और परमानन्द प्रदान करने वाले दिव्यातिदिव्य स्वरूप वाले श्री राधिका जू के अन्तःकरण रूपी निकुंज में विराजमान श्री सर्वेश्वर प्रभु की मैं वंदना करता हूँ ।।
सौरीतटे सखीवृन्दैः विहरन्तं समं प्रभुम् ।
राधाकृष्णं रसाधारं वन्दे सर्वेश्वरं हरिम् ।।७।।
श्री यमुना जू के तट पर सहचरीयों के साथ विहरण करने वाले सब कष्टों को हरने वाले ब्रजविहारी रस स्वरूप श्री राधाकृष्ण युगल रूपात्म श्री सर्वेश्वर प्रभु की मैं वंदना करता हूँ ।।
सर्वेश्वरं प्रियं देवं रास लीला प्रियं शुभम् ।
हरिभक्तैः समाराध्यं भजे श्रीराधिका युतम् ।।८।।
रसिकाचार्यों द्वारा समाराधित रासलीला बिहारी श्री सर्वेश्वर प्रभु का श्री राधिका जू के सहित मैं भजन करता हूँ ।।
सर्वेश्वराष्टकम् स्तोत्रं श्रीसर्वेश्वर रतिप्रदम् ।
श्रीराधासर्वेश्वराद्येन शरणान्तेन निर्मितम् ।।९।।
यह सर्वेश्वराष्टकम् स्तोत्र श्रीराधासर्वेश्वर भगवान में रति प्रदान करने वाला है । जिसकी रचना (परमगुरूदेव) श्री राधासर्वेश्वर शरणदेवाचार्य श्री"श्रीजी" महाराज जू ने की है ।।
[ हर क्षण जपते रहिये ]
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