google.com, pub-8916578151656686, DIRECT, f08c47fec0942fa0 १८) श्री पद्मनाभ भट्टाचार्य जी का जीवन चरित्र || Biography of Shri Padnabh Bhattachary Ji

१८) श्री पद्मनाभ भट्टाचार्य जी का जीवन चरित्र || Biography of Shri Padnabh Bhattachary Ji

श्री पद्मनाभ भट्टाचार्य जी का जीवन चरित्र

श्री पद्मनाभभट्टाचार्य जी का जीवन चरित्र || Biography of Shri Padnabhbhattaachary Ji

( पद्मालय सखी के अवतार )
    आपका पट्टाभिषेक उत्सव वैशाख कृष्णा तृतीया को मनाया जाता है। जैसे भगवान् के नाभि-कमल से चतुर्मुख ब्रह्माजी का आविर्भाव हुआ था और उनका लोक वेद में पद्मनाभ नाम प्रसिद्ध हुआ, उसी प्रकार आपकी नाभि अर्थात् मुख पद्म द्वारा समन्वय, अविरोध, साधन और फल इस शास्त्रार्थ रूप चतुर्मुख का प्रकाश हुआ । भगवान् के स्वरूप, गुण, शक्ति, विग्रह एवं जीवात्मा, परमात्मा, प्रकृति तथा परमधाम विषयक विचारों को आपने विषेश प्रसार किया। आपके इतिवृत्त का सूक्ष्म रूप परिचय अनन्तरामजी के पद्य से मिलता है। आपकी विद्वत्ता और साधन सम्पन्नता लोक में अपूर्व मानी जाती थी।
!! जय राधामाधव !!


[ हर क्षण जपते रहिये ]

राधेकृष्ण राधेकृष्ण कृष्ण कृष्ण राधे राधे | राधेश्याम राधेश्याम श्याम श्याम राधे राधे ||


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