( रामा सखी के अवतार )
आप भगवद्भक्तियोग के विशिष्ट उपदेष्टा थे। अतएव जिस प्रकार भगवान् श्रीरामचन्द्र ने सेतु बॉंधकर साधु-सन्त तथा भक्तों को दु:ख देने वाले राक्षसों के सहित रावण को मारकर धर्मत्राण और सज्जनों की रक्षा की, उसी प्रकार भगवद्भक्ति का सेतु बॉंधकर, बोध रूपी वाणों से अनादि पुण्यापुण्यात्मक कर्मरूपी रावण को मारकर अविद्या, अस्मिता, राग, द्वेष, अभिनिवेश एवं आध्यात्मिक, आधिभौतिक, आधिदैविक, त्रिविधताप रूपी राक्षसों द्वारा अवरुद्ध जीवों को मुक्त बनाया। आपका पाटोत्सव आचार्य चरित्रानुसार वैशाख शु0 पंचमी को मनाया जाता है।
!! जय राधामाधव !!
[ हर क्षण जपते रहिये ]
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