श्री विश्वाचार्य जी का जीवन चरित्र
(विश्वाभा सखी के अवतार )
इनके द्वारा रचित ग्रन्थ हैं, उन ग्रन्थों में "श्रीकृष्णस्तवराज" इन्हीं की रचना मानी जाती है तथा अन्य ग्रन्थ अनुपलब्ध है। पाटोत्सव फालगुन शुक्ल 4 (चतुर्थी) मान्य है।
!! जय राधामाधव !!
[ हर क्षण जपते रहिये ]
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