google.com, pub-8916578151656686, DIRECT, f08c47fec0942fa0 ३२) श्री गांगल भट्टाचार्य जी का जीवन चरित्र || Biography of Shri Gangal Bhattachary Ji

३२) श्री गांगल भट्टाचार्य जी का जीवन चरित्र || Biography of Shri Gangal Bhattachary Ji

श्री गांगल भट्टाचार्य जी का जीवन चरित्र 

श्री गांगलभट्टाचार्य जी का जीवन चरित्र || Biography of Shri Gangalbhattachary Ji

( पवित्रा सखी के अवतार )
    शरणागतजनों के लिए जैसे गंगा को ला रहे हों, इस प्रकार आपकी पुनीत वाणी से भावुक भक्त सतृप्त रहा करते हैं। शुद्धहृदय जनों को भगवान् के चरण कमलों तक पहुॅंचाने के लिए, आप साक्षात् जाह्नवी रूप थे। गंगाजी जिस प्रकार इधर-उधर से आये हुए जल को समुद्र तक पहूँचा देती है, उसी प्रकार आपने भी अनेक जीवों को भगवान् के चरणकमलों की सन्निधि में पहूँचाया। आपकी वन्दना अनन्तरामजी ने इस प्रकार की है --
गंगास्पदं चरणपंकजमीष्वरस्य, व्रज्रांकुषष्वज सरोरूहलांछनाढयम्।
यो लाति स्वाश्रितजनाय कृपाभियोगात्, तं गांगलं च प्रणतो∙स्मि गुरुं हि भट्टम्।।

आपका पाटोत्सव चैत्र कृष्णा द्वितीया को मनाया जाता हैं।
!! जय राधामाधव !!


[ हर क्षण जपते रहिये ]

राधेकृष्ण राधेकृष्ण कृष्ण कृष्ण राधे राधे | राधेश्याम राधेश्याम श्याम श्याम राधे राधे ||


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