Nimbark Ekadashi Calendar 2022 || श्री निम्बार्क एकादशी पंचांग 2022-23

 Nimbark Ekadashi Calendar 2022 || श्री निम्बार्क एकादशी पंचांग 2022-23


Nimbark Ekadashi Calendar 2022 || श्री निम्बार्क एकादशी पंचांग 2022-23



श्री निम्बार्क भगवान द्वारा प्रतिपादित कपालवेध मतानुसार वर्ष 2022- 23 में होने वाली एकादशी एवं महाद्वादशी व्रत की तिथियां निम्न प्रकार है । इसमें जिस दिन महाद्वादशी व्रत के बारे में लिखा हुआ है । निम्बार्क अनुयायियों को तब कपालवेध मतानुसार एकादशी व्रत को छोड़कर महाद्वादशी वाले दिन ही व्रत करना है ।  


कामदा एकादशी व्रत : बुधवार, 13 अप्रैल 2022

वरुथिनी एकादशी व्रत : बुधवार, 27 अप्रैल 2022




मोहिनी एकादशी व्रत : गुरुवार, 12 मई 2022

अपरा एकादशी व्रत : गुरुवार, 26 मई 2022 




निर्जला एकादशी व्रत : शनिवार, 11 जून 2022

योगिनी एकादशी व्रत : शुक्रवार, 24 जून 2022




देवशयनी एकादशी व्रत : रविवार , 10 जुलाई 2022

कामदा एकादशी व्रत : रविवार, 24 जुलाई 2022




श्रावण पवित्रा एकादशी व्रत : सोमवार, 08 अगस्त 2022

अजा एकादशी व्रत : मंगलवार, 23 अगस्त 2022




परिवर्तिनी/पद्मा एकादशी व्रत : बुधवार, 7 सितंबर 2022

इन्दिरा एकादशी व्रत :बुधवार, 21 सितंबर 2022




पापांकुशा एकादशी व्रत : गुरुवार, 6 अक्टूबर 2022

रमा एकादशी व्रत : शुक्रवार, 21 अक्टूबर 2022




श्री देवप्रबोधिनी एकादशी : शुक्रवार, 04 नवम्बर 2022

उत्पन्ना एकादशी व्रत : रविवार, 20 नवंबर 2022




श्री मोक्षदा एकादशी व्रत : रविवार, 04 दिसम्बर 2022

सफला एकादशी व्रत : मंगलवार, 20 दिसंबर 2022




पौष पुत्रदा एकादशी व्रत : सोमवार, 02 जनवरी 2023

षटतिला एकादशी व्रत : बुधवार, 18 जनवरी 2023




जया महाद्वादशी व्रत : बुधवार, 01 फरवरी 2023

विजया एकादशी व्रत : शुक्रवार, 17 फरवरी 2023




आमल एकादशी व्रत : शुक्रवार, 03 मार्च 2023

पापमोचिनी एकादशी व्रत : शनिवार, 18 मार्च 2023





एकादशी के कुछ सामान्य नियम, जिनका पालन हमें व्रत के दौरान यथासम्भव करना चाहिए : 


● एकादशी के दिन सुबह उठकर व्रत का संकल्प कर शुद्ध जल से स्नान करना चाहिए । 

● विधिनुसार भगवान श्रीकृष्ण का पूजन और रात को दीपदान करना चाहिए ।

● एकादशी व्रत में ज्यादा से ज्यादा मौन रहकर अपने गुरु द्वारा प्रदत्त मन्त्र का जप अवश्य करना चाहिए ।

● एकादशी की रात भगवान विष्णु का भजन-कीर्तन करना चाहिए।

● व्रत की समाप्ति पर श्रीहरि विष्णु से अनजाने में हुई भूल या पाप के लिए क्षमा मांगनी चाहिए । 

● अगली सुबह यानी द्वादशी तिथि पर पुनः भगवान श्रीकृष्ण की पूजा कर ब्राह्मण को भोजन कराना चाहिए । 

● भोजन के बाद ब्राह्मण को क्षमता के अनुसार दान देकर विदा करना चाहिए ।


Read More : https://linktr.ee/NimbarkSampraday


कृप्या आप सभी वैष्णवजन से छोटा सा अनुरोध है कि आप सभी इसे आगे भी निम्बार्क वैष्णवों तक पहुचाने में मदद करे इसको ज्यादा से ज्यादा निम्बार्क परिकर तक शेयर करे ... ।।


जय श्री राधामाधव !! 




[ हर क्षण जपते रहिये ]

राधेकृष्ण राधेकृष्ण कृष्ण कृष्ण राधे राधे | राधेश्याम राधेश्याम श्याम श्याम राधे राधे ||


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2 Comments

  1. Nimbark sampradaay k anusaar Ekdashi ka parayan kis samay karein

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  2. Varuthini Ekadashi 26april2022:
    वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को वरुथिनी एकादशी कहा जाता है। इस साल वरुथिनी एकादशी पर त्रिपुष्कर योग बन रहा है। ज्योतिष के अनुसार, इस शुभ योग में किए गए कार्यों का फल तीन गुना मिला है। मान्यता है कि वरुथिनी एकादशी का व्रत रखने से कष्टों से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति को अंत में मोक्ष की प्राप्ति होती है।वरुथिनी एकादशी तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा का महत्व और पारण का समय ?
    हिंदू धर्म में एकादशी के व्रत का विशेष महत्व बताया गया है. हर माह के दोनों पक्षों की एकादशी तिथि को एकादशी का व्रत रखा जाता है. हर एकादशी का अलग महत्व होता है.

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